Corona corona

हय यह करोना, हय यह करोना !

सब कहतें हैं आब कया है होना ?

मम्मी के तो रूल्ज़ अलग हैं..

कहतीं हैं की सब ग़लत है !

घर में छुप के नहीं भटना

अब और नहीं हैं सहना !!

पड़ोसी के कुत्ते का पूरा दिन भोंकना

दस दस बार हाथ मुँह है धोना इससे अच्छा एरीयल में है भिगोना !

मास्क पहन के मुँह है ढकना।

एक दुसरे से डर-डर के रहना

सच है नहीं है यह सपना !

फिर हनुमान चालीसा पढ़ के सोना।

दूर दूर रेहके है बोलना

नहीं तो आएगा करोना!!

आब गब्बर से नहीं सब “छींख” से ही सब डर जातें हैं

रिपोर्ट देखाओ तो बत्यतें हैं ।

क्या हाल बनाया इसने हमारा

लगे आब कोन है हमारा सहारा?

मम्मी ठीक ही कहती हैं

मिलके इसे है भग़ाना … तो नो बहाना ।

इसने मिटाया मेरा और तुम्हारा

मुसीबत में सब जुट जातें हैं.. आओ मिलके करोना को हराते हैं।

धन्यवाद

अमृता कौर ठुकराल

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