इग्ज़ैम की टेन्शन…

उफ़्फ़ ये मम्मी !!

पढ़ाई।। पढ़ाई ।।

कहाँ से ले आयी ?

मीलों में फ़ेला सिलेबस है!

यह मोटी किताबों की टेन्शन और इग्ज़ैम का बुख़ार है!

ऊपर से माँ को इससे बहुत प्यार है,

कुछ ना सुनती इसके बारे में, इसके लिए सब स्वीकार है!

चाएँ तो मुझको 100 बार कहें, पढ़ ले !!! पढ़ ले !!!पर मैं केसे पढ़ूँ?

टी॰वी॰ को भी तो मैं नाराज़ केसे करूँ?

माँ ने सिखाया सबका ध्यान रखो…

पहिले मैं अपना तो रखूँ !

सोती हूँ तो भूख लग जाति है,

फिर… नींद ख़ोलने की बारी आती है!

टी॰ वी॰ देख कर तो दूध पीती हूँ,

फिर जाकर मैं 6 बजे पढ़ने जाती हूँ।

पढ़ते – पढ़ते ….! फिर भूख – प्यास लग जाती है।

इतने में मेरी सहेलियाँ मुझे खेलने बुलातीं हैं!

फिर जब मैं थक-हार के घर पर आती हूँ,

खाना खा के फिर मैं सो जाती हूँ?!

आब आप ही बताओ मैं केसे पढ़ूँ????

मेरी दुविधा का मैं क्या करूँ??????

आपके उत्तर के लिये उत्सुक।।।

लेखिका- अमृता कौर ठुकाराल